कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आये ।
और कुछ मेरी मिट्टी में बगावत भी बहुत थी ।
निराशावादी मुश्कलों को उधार में लेते हैं।जबकि आशावादी, संकल्प वाले
लोग उत्साह को साथी बनाते हैं । वे उधार भी लेते हैं तो हिम्मत, साहस एवं अपने मतबूत भविष्य को, ताकी उसे ही लौटाया जा सके।
और कुछ मेरी मिट्टी में बगावत भी बहुत थी ।
निराशावादी मुश्कलों को उधार में लेते हैं।जबकि आशावादी, संकल्प वाले
लोग उत्साह को साथी बनाते हैं । वे उधार भी लेते हैं तो हिम्मत, साहस एवं अपने मतबूत भविष्य को, ताकी उसे ही लौटाया जा सके।
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